राम नवमी भगवान श्रीराम के जन्मदिवस के रूप में मनाई जाती है। यह पर्व हिंदू कैलेंडर के पहले महीने चैत्र के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को आता है। इसे चैत्र नवरात्रि के नौवें दिन भी उत्सव के रूप में मनाया जाता है। कहा जाता है कि श्रीराम का जन्म अभिजित नक्षत्र के दौरान दोपहर 12 बजे हुआ था।
भगवान श्रीराम को भारत में एक आदर्श व्यक्तित्व के रूप में माना जाता है, इसलिए उन्हें मर्यादा पुरुषोत्तम के नाम से जाना जाता है। उनके उत्कृष्ट शासकीय गुणों के कारण उनके शासन को ‘रामराज्य’ के नाम से संदर्भित किया जाता है।
राम नवमी के अवसर पर भक्तजन श्रीराम की जन्मस्थली अयोध्या में स्थित पवित्र सरयू नदी में स्नान करते हैं। इस दिन भक्त भगवान राम, माता सीता, श्री लक्ष्मण और भगवान हनुमान से जुड़े हुए भजन, कीर्तन, रामायण का पाठ, उपवास, शोभा यात्राएं और रथ यात्राओं का आयोजन करते हैं। यह भी माना जाता है कि गोस्वामी तुलसीदास जी ने इसी दिन से रामचरितमानस की रचना प्रारंभ की थी।
राम नवमी के अन्य नाम:
- महा नवमी
प्रारंभ तिथि:
- चैत्र शुक्ल नवमी
कारण:
- भगवान श्रीराम का जन्मदिवस
उत्सव की विधि:
- उपवास, प्रार्थना, भजन-कीर्तन, हवन, रामचरितमानस का पाठ, मेले का आयोजन